बहुत समय पहले एक गांव में कमलनाथ नाम का व्यापारी अपनी पत्नी सुनीता के साथ रहता था।
वह बहुत अमीर और दयालु भी था। उसके घर पर हमेशा आगंतुकों की एक लंबी कतार होती थी।
वह एक अच्छा मेजबान भी था। एक बार उसको व्यापार में भारी नुकसान हुआ, वह गरीब हो गया।
लोगों ने भी उसके घर जाना बंद कर दिया। यहां तक कि दोस्त भी
उस पर अपनी पीठ फेर लेते थे। एक रात जब कमलनाथ यह सब सोचकर
सो गया तो उसने एक भिक्षु को सपने में देखा और उन्होंने कहा कि
Hindi Kahani - एक मूर्ख नाई !!
"तुम्हें इस तरह दिल छोटा करने की जरूरत नहीं है।
जब तूम सुबह उठो तो तुम मुझे अपने दरवाजे पर पाओगे और जैसे ही तुम मेरे सिर
पर छड़ी से मारोगे तो मैं शुद्ध सोने के सिक्कों में परिवर्तित हो जाऊंगा।
इस प्रकार तुम इतना धन प्राप्त कर पाओगे, जो तुम्हारे जीवनकाल के लिए पर्याप्त होगा।"
जब वह अगली सुबह उठा तो उसने सोचा कि सपने कभी वास्तविकता में बदल नहीं सकते।
अचानक उसके दरवाजे पर दस्तक हुई उसने सोचा कि वह नाई लालचंद होगा, और कौन सुबह इतनी जल्दी आयेगा।
वह वास्तव में नाई ही था, जैसे ही उसने कमलनाथ की दाढ़ी बनाना शुरू ही करा था,
वहां एक और दस्तक हुई। कमलनाथ ने दरवाजा खोला तो वही सपने वाला भिक्षु सामने था।
उसने उन्हें घर के अंदर बुलाया और उसने पीछे से भिक्षु के सिर पर डंडा मार दिया,
भिक्षु सोने के सिक्कों में बदल गया। नाई कहीं इस मामले का खुलासा
किसी को ना करदे इसलिए कमलनाथ ने उस नाई को रिश्वत देने का फैसला किया।
लालचंद नाई ने खुद भी इस तरह का धन हासिल करने की सोची तो
एक दिन एक डंडा लेकर भिक्षुओं के मंदिर में चला गया। उसे मंदिर के बाहर पांच भिक्षु मिले।
उसने भिक्षुओं से अनुरोध किया कि वे उनके घर चलें ताकि वह एक पुस्तक उनको दान कर सके।
वे उसके घर गए तो उसने उन्हें डंडे से मारना शुरू कर दिया।
राजा के सैनिकों ने उनकी चीख सुनी और लाल चंद नाई को पकड़ लिया।
वे उसे राजा के पास ले गए वहां उसने राजा को पूरी कहानी सुनाई।
फिर कमलनाथ को राजा के दरबार में लाया गया। उसने राजा जी को पूरी कहानी सुनाई।
Hindi Kahani - एक मूर्ख नाई !!
जब मैंने उनके सिर पर मारा। मैं कितना मूर्ख हूं जो मैंने बिना सोचे-समझे काम किया"।
राजा ने अपने सैनिकों को लालचंद को सलाखों के पीछे डालने का आदेश दिया।
सीख - नकल कभी नहीं करनी चाहिए।
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