हिंदी कहानी - जादुई चश्मा !!
बहुत समय पहले एक गांव में, एक गरीब किसान रहता था।
उसके साथ परिवार के दो सदस्य उसकी पत्नी कमला और उसका बेटा रवि था।
रवि काफी मददगार था, किसान अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए बहुत मेहनत किया करता था।
एक दिन किसान खेतों में गया और खेतों की खुदाई शुरू कर दी।
अचानक एक आवाज आई, वह आवाज फावड़े से किसी चीज़ से टकराने की थी।
उसने मिट्टी हटाई तो एक चमकदार बॉक्स मिला। उसने बॉक्स उठाया और सोचने लगा कि इस बॉक्स के अंदर खजाना हो सकता है।
जब उसने बॉक्स खोला तो उसे सिर्फ एक चश्मा दिखा,

वो बहुत उदास हो गया। कुछ समय बाद रवि वहां आया और उसने कहा
"पिताजी अब आपको आराम करना चाहिए तब तक मैं खेतों की देखभाल कर लूंगा "
तब किसान ने कहा, "ठीक है बेटा लेकिन खुद का ख्याल रखना, क्योंकि यहां कई जंगली जानवर हैं
और वे यहां आकर तुम्हें चोट पहुंचा सकते हैं।" फिर किसान एक पेड़ के नीचे लेट गया और
उसने सोचा कि वह चश्मा पहनना चाहिए कम से कम यह उसे सूरज की रोशनी से बचाने के लिए तो काम आएगा।
उसने वह चश्मा पहना और अपने बेटे की ओर देखा, किसान ने देखा कि अचानक एक
जानवर ने उसके बेटे पर हमला किया, उसने तुरंत वह चश्मा हटा दिया।
किसान ने फिर से चश्मा पहना और अपने बेटे की ओर देखा,
उसने फिर से वही चीज़ देखी जो उसने पहले देखी।
किसान समझ गया कि यह कोई साधारण चश्मा नहीं है, ये एक जादुई चश्मा है।
उसने रवि को घर जाने के लिए कहा।
हिंदी कहानी - जादुई चश्मा !!
वह गांव गया तो उसने गांव के लोगों का भविष्य देखा और
उन्हें उन सभी काम को करने से रोक दिया जो उनके लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
एक दिन वह लल्लन नाम के अपने पुराने दोस्त से मिला तो उसने अपने चश्मे के जरिए लल्लन का भविष्य देखा।
उसने देखा कि थोड़ी देर में लल्लन को एक व्यापारी से बहुत पैसे मिलने वाले थे ,
यह देखकर किसान लालची हो गया। उसने लल्लन को तस्वीर से हटाने की सोची।
वह उसके पास गया और कहा, "तुम कैसे हो दोस्त और तुम इतनी जल्दी में कहां जा रहे हो ?
उसने कहा कि "मैं ठीक हूं भाई , मैं सिर्फ बाजार जा रहा हूं"।
तो इसपर किसान ने कहा, " लेकिन आज तो बाजार बंद है। मैं अभी अभी बाजार से ही आ रहा हूं,
आज एक व्यापारी की दुकान में आग लग गयी है इसलिए आज बाजार बंद है "।
इसके बाद लल्लन अपने घर लौट आया, फिर किसान पैसों के लालच में बाजार चला गया।
वहां पहुंचने के बाद वह अपने एक और दोस्त से मिला।
वह एक व्यापारी था उसने किसान को एक पैसों से भरा बैग दिया और कहा
"तुम क्या इस बैग को अपने पास रख सकते हो क्योंकि मैं कुछ दिनों के लिए विदेश जा रहा हूं ?"
किसान ने सोचा कि वह इस बैग को अपने पास रखकर अमीर बन जाएगा।
इससे पहले कि वह वापस आये वह दूसरे घर में चला जाएगा और फिर वह उसे कभी भी नहीं ढूँढ पायेगा।
किसान को अपना बैग देकर वह व्यापारी वहां से चला गया।
अचानक एक और व्यापारी वहां आया और उसने किसान को पकड़ लिया।
वह ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा "तुमने मेरा बैग चुरा लिया !! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई।"
उसने उसे बहुत बुरी तरह से पीटा और इसी सब में किसान का चश्मा भी टूट गया।
हिंदी कहानी - जादुई चश्मा !!
उस समय, व्यापारी ने उसे कुछ भी कहने का मौका नहीं दिया और पैसे ले के चला गया।
फिर किसान समझ गया कि वो एक चोरी का बैग था और उसके व्यापारी दोस्त ने उसे धोखा दिया था।
किसान ने बहुत दोषी महसूस किया , पूरी बात चश्मे के कारण हुइ
"अगर मैंने दूसरों को भविष्य ही नहीं देखा होता तो कुछ भी गलत नहीं होता।"
तो दोस्तों कहानी का सीख यह है कि हमें किसी भी चीज़ का दुरुपयोग कभी नहीं करना चाहिए।
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