कि राखी किस तारीख को है। राखी का त्यौहार भाई-बहनों के प्यार का त्यौहार है।
और ज़िन्दगी भर इस खूबसूरत रिश्ते की याद दिलाता है। राखी के त्योहार की जड़ें महाभारत के महाकाव्य में हैं।
श्रीकृष्णकी एक मौसी थीं जिनका नाम श्रुतश्रवा था। उन्होंने शिशुपाल नामक एक विकृत बच्चे को जन्म दिया था।
बड़ों ने कहा था कि शिशुपाल को उसी व्यक्ति द्वारा मारा जाएगा जिसका स्पर्श उसे वापस सामान्य करेगा।
रक्षा-बंधन की कहानी !!
एक दिन श्रीकृष्ण अपनी मौसी के घर आए कृष्ण के हाथों से उनका पुत्र सुंदर हो गया।
हालांकि वो अपने बच्चे को देखकर खुश थी पर उन्हें पता था कि उसकी मौत कृष्ण के हाथों में होगी।
उन्होंने श्रीकृष्ण से निवेदन किया कि अगर कोई ऐसी स्थिति आती है
जहां उसे सजा मिलनी चाहिए तो भी वह उस बच्चे को माफ कर दे।
श्री कृष्णा ने उनकी याचिका पर कहा था कि "मैं उसके कुकर्मों के लिए उसे माफ कर दूंगा,
लेकिन अगर उसने 100 गलतियों का निशान पार किया तो मैं निश्चित रूप से उन्हें दंडित करूंगा "।
अब वह एक शासक और महान श्रीकृष्ण के रिश्तेदार भी हैं ।
लेकिन वह बहुत क्रूर हुआ करता था वह अपने राज्य में लोगों को यातना दिया करता था।
और कृष्ण के साथ अक्सर टकराव किया करता था।
रक्षा-बंधन की कहानी !!
उन्होंने एक बार युधिष्ठिर के दरबार में, पूरे दरबार के समक्ष कृष्ण को गाली देना शुरू कर दिया।
उस दिन शिशुपाल ने 100 गलतियों की अपनी सीमा पार कर दी थी और श्रीकृष्ण के धैर्य ने भी ऐसा ही किया ।
कृष्णा ने शिशुपाल में अपने सुदर्शन चक्र का उद्देश्य रखा ।
जैसे ही श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र का चलाया, शिशुपाल की गर्दन धढ़ से अलग हो गयी।
उस क्रूर राजा का वध हो गया। इस वध में श्रीकृष्ण की उंगली कट गई।
इस दौरान कृष्ण के आस-पास हर कोई घाव पर कुछ लाने के लिए भागा लेकिन वहां खड़ी
द्रौपदी ने संकोच नहीं किया,उसने तुरंत अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़ दिया
और उसे कृष्ण की उंगली के घाव के चारों ओर बांध दिया।
श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा, " बहन आपका शुक्रिया!! आप जरूरत के वक़्त में मेरे बचाव में आयी हो
इसलिए जब भी आप किसी मुसीबत में होगी मैं आपकी मदद करूंगा।"
इस घटना के बाद रक्षा बंधन पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
बाद में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को बचाते हुए अपना वचन निभाया जब कौरवों ने
उनकी साड़ी खींचकर संपूर्ण दरबार में उनका अपमान करने की कोशिश की।
वहां से ही भाई अपनी बहन को राखी बांधने पर जीवन भर उनकी देखभाल करने का वादा करते है।
रक्षा-बंधन की कहानी !!
राखी के अलावा श्रावण के महीने में पूर्णिमा के दिन कुछ और त्योहार होते हैं।
कुछ लोग इस दिन "जांडिया" नामक एक पवित्र धागे को एक दूसरे को बांधते हैं इसे "चांदी पौर्णमी" भी कहा जाता है।
उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में लोग राधा और कृष्ण की मूर्तियों को पालने में रख कर उनको झुलाते हैं।
वे इस दिन को "पौर्णमी" कहते हैं। उत्तर भारत के कुछ राज्य इस दिन गेहूं के बीज बोते हैं
और वे इस अनुष्ठान को "कजरी" कहते हैं। केरल और महाराष्ट्र राज्यों के लोग इस दिन को "नारायण" कहते हैं,
इस दिन वे समुद्र भगवान की पूजा करते हैं। इस दिन ऐसे कई त्योहार मनाए जाते हैं,
लेकिन पूरे देश में बिना किसी संदेह के मनाए जाने वाला प्रमुख त्यौहार रक्षा बंधन है।
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