मेरी नाईट शिफ्ट हुआ करती थी.
वो दिन गर्मियों का एक सामान्य सा दिन था, शायद मार्च या अप्रैल की बात है।
मै ऑफिस के छठवीं मंजिल पर अपनी टीम के साथ काम कर रहा था,
मेरे साथ ही मेरा मित्र बैठा था, रात के करीब 2 या 2 :30 बजे होंगे।
मेरे मित्र ने मुझसे कहा कि क्या मैं उसके साथ ऑफिस के बाहर वाले
टॉयलेट तक चल सकता हूँ क्यूंकि वो कुछ सहज महसूस नहीं कर रहा था।
ऐसा उसने पहले कभी नहीं कहा था, हमें साथ काम करते करीब करीब 2
साल हो गए थे.
मैंने कहा ठीक है चलते हैं (Hindi Kahani)
हमारे ऑफिस में 2 टॉयलेट थे, एक हमारे फ्लोर पर ही था और दूसरा लॉकररूम के पास,
लेकिन हम मेन गेट के पास ही बैठे थे ,
इसलिए लॉकर रूम वाला वॉश रूम नज़दीक था और हम दोनों अपनी बातें करते चल दीये।
जैसे ही हम दोनों ने वॉश रूम मे प्रवेश किया, मैंने अपने दाईं ओर में लगे हुएशीशे में साफ़ देखा, की कोई खड़ा है।
वॉश रूम का डिजाइन ऐसा था की अंदर आते ही राइट साइड में 4 शीशे लगे हुए थे,
जिनसे लेफ्ट साइड मे बने यूरिनल्स साफ़ दिखाई देते थे।
लेकिन जैसे ही हम बातें करते हुए आगे बढे, अचानक से मैंने देखा की वहां
हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था,
मुझे लगा शायद मेरी नजरों का धोखा है,
लेकिन मेरे दोस्त का सफ़ेद पडा हुआ चेहरा कुछ और ही बयां कर रहा था ।
उसने भी वही देखा था, जो मैंने देखा था, एक लड़का जो वहीँ खड़ा था।
उसने मुझसे कहा, की मैंने ऐसा कुछ ही देखा था, मैंने भी हाँ में जवाब दिया।
मेरा दोस्त बहुत ज़्यादा डर गया था।
मैंने कहा, हो सकता है की किसी क्यूबिकल में चला गया होगा ।
वहान 3 क्यूबिकल भी थे। हमने उन्हें चेक करने का फैसला किया ।
सच कहूं तो तब तक मुझे ज़रा भी डर नही महसूस हुआ था
मैंने प्रथम क्यूबिकल चेक किया, उसमे कोई नहीं था, फिर दूसरा चेक किया, उसमे भी कोई ना था,
तीसरा वाला चेक करने जाते हुए मुझे यकीन था की इसमे कोई ना कोई तो ज़रूर होगा।
जब मैंने दरवाज़े पे दस्तक दी, कोई उत्तर ना आया, फ़िर मैंने हलके हाथ से उसे
धकेला, और पाया की वो एक दम ख़ाली है, उस दिन उस वक़्त उस जगह,
मात्र मेरे दोस्त के सिवा और कोई ना था।
तब मुझे एक अजीब से डर का एहसास हुआ जो मैं बयां नहीं कर सकता।
हम दोनों ही वहां से भाग निकले , लेकिन पूरी ताकत से दौड़ने के बाद भी ऐसा लग रहा था
म!नो हम बहुत धीरे चल रहे हों।
वापस ऑफिस मे आकर हमने सारा वृतांत सबको बताया
और हमारे चेहरे का रंग देखकर, कोई भी बता सकता था , की हम सच बोल रहे है ।
कुछ समय बाद मैंने वो कंपनी छोड दी , क्यूंकि मुझे एक नई कंपनी में
अच्छा जॉब ऑफर मिल गया था।
कुछ समय बाद मुझे पता चला की उसी वॉश रूम के साथ एक गर्ल्स वॉश रूम भी था,
जिस्मे एक लड़की बेहोश होकर गिर गई थी।
वजह मुझे पता नहीं चली की ऐसा क्यून हुआ था ।
आज भी मैं ये सोचता हूँ की वो अखिर था क्या, नजर का धोखा या फिर सच
और हम दोनो को एक साथ धोखा कैसे हुआ।
ऐसा कुछ दुबारा नहीं हुआ कभी।
आप चाहे तो इसको डरावनी घटना कहे या कुछ और ये मैं आप पे छोड़ता हूँ
हा ये ज़रूर कहूंगा की ऐसी ही दिलचस्प कहानियो के लिए इस ब्लॉग पर आते रहे.... धन्यवाद।।
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